top of page

रघुपति प्रिय भक्तम

Updated: Aug 5, 2023

श्रीराम हनुमान से कहते हैं- “मैं आपके ऋण से उऋण नहीं होना चाहता। ऐसा इसलिये नहीं कि उऋण होने के लिये मुझे आपके किसी कष्ट में सहायता करनी होगी; मैं नहीं चाहता कि आप पर कोई विपत्ति आये और आपको सहायतार्थ मुझे पुकारना पड़े, इसलिये मेरा ऋणी रहना ही उचित है।" ऐसे, श्रीराम के प्रिय हनुमान चरित का वंदन कौन नहीं करना चाहता परंतु कब, कैसे और किस प्रकार आराधना करने से कौन से कष्ट से मुक्ति मिलती है, इसे पाठकों के लिए सरल तरीके से बता रहे हैं हम सबके प्रोफ़ेसर पवन सिन्हा ‘गुरूजी’।

हर मनुष्य अपने जीवन में सुख समृद्धि, शान्ति व प्रसन्नता चाहता है तथा अपनी समस्त अभिलाषाएं पूर्ण करने हेतु हर प्रकार से प्रयत्न भी करता है। किसी भी प्रकार के दुःखों, कष्टों व संकटों का निवारण करने के लिए हमारे ऋषि-मुनियों व संतो ने संकटमोचन हनुमान जी की उपासना व साधना का बड़ा सरल एवं सक्षम माध्यम प्रतिपादित किया है। शास्त्रों के अनुसार हनुमान जी सभी कष्टों और दुःखों को दूर करने के बेहतर विकल्प हैं। बजरंगबली की सही तरीके से पूजा और साधना से जीवन की बड़ी से बड़ी मुश्किलों से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके लिए साधक की भक्ति में विश्वास और मजबूती होनी चाहिए अन्यथा किसी भी तरह की साधना का कोई फल नहीं पाया जा सकता। पुराणों व अन्य प्रामाणिक शास्त्रों के अनुसार हनुमान शब्द का शाब्दिक अर्थ है प्राण वायु अर्थात् हमारी श्वास, जिसके बिना हमारा जीवन असंभव है, वह हैं हनुमान। अतः पवनपुत्र सर्वव्याप्त हैं। सुदर्शन संहिता के अनुसार श्री हनुमान जी जंगल अर्थात ब्रह्मांड के उत्साह एवं विश्वास का प्रतीक हैं। गरुड़ी तंत्र के अनुसार जब प्राणीमात्र में उत्साह, साहस एवं विश्वास जागृत हो तब व्यक्ति अपनी कठिन से कठिन समस्या या संकट का समाधान करने में समर्थ हो जाता है। अतः संकटमोचन बजरंगबली के स्मरण. पूजा एवं साधना से व्यक्ति जीवन की विपत्तियों से मुक्ति पा सकता है, उसकी कुंडली के बुरे से बुरे प्रभाव भी दूर हो जाते हैं यहाँ तक कि श्रापित कुंडली, जिनमें सुख का योग नहीं है या शत्रुओं से अत्यधिक परेशानी हो या कोई काम नहीं बनता हो या फिर बनते-बनते काम बिगड़ जाता हो, तब हनुमान जी की साधना व पूजा से समस्त बुरे प्रभाव और बाधाएँ दूर हो जाती हैं।



हनुमान जी की किसी भी साधना से पूर्व व्यक्ति को ईर्ष्या व अंध महत्वकांक्षा से दूर रहना चाहिए और शुद्ध मन, आस्था, समर्पण और विश्वास से तप करना चाहिए।


1) शत्रु शांति सिद्धि-


(अ) यदि कोई शत्रु अकारण परेशान करे और बार-बार समस्याएँ खड़ी करे, तो हनुमान सिद्धि से समस्या से निजात मिल जायेगी। इसके लिए अपामार्ग की जड़ पहनें और ॐ हैं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् मंत्र का जाप श्वेत चंदन की माला से करें। इसका जितना अधिक जप करेंगे यह मंत्र उतना अधिक फलदायी होगा। यह ध्यान रखें आप जब तक शत्रु से बहुत ज्यादा परेशान न हों तब तक यह साधना प्रयोग में न लाऐं।


(ब) यदि आप चाहते हैं कि आपका शत्रु समर्पण या समझौता करे तब ॐ नमो भगवते आंजन का धतूरे की जड़ पहनकर रोजाना ग्यारह माला का हवन करें। हवन में शुद्ध लाल चंदन का इस्तेमाल अवश्य करें।


2 ) हार से बचने के लिए-


कुछ लोगों का जीवन बहुत संघर्षमय होता है उनको सारी जिंदगी हार का सामना करना पड़ता है। ऐसे में पवनपुत्र की साधना से व्यक्ति में नई ऊर्जा का संचार होता है, जो उसे सफलता के पथ पर ले जाता है। हनुमान साधक किसी भी हाल में कभी नहीं डरता। इसके लिए व्यक्ति शमी की जड़ गले में पहनकर ॐ आंजनेयाय विद्महे वायु पुत्राह धीमही त्वः कपि प्रचोदयात मंत्र का सवा लाख जप कर मंत्र को सिद्ध कर ले। इसके बाद उस जड़ को भगवान के चरणों में रख दे और रोजाना पूजा करें।


3) यदि कुंडली आपित है, या व्यक्ति के काम बार-बार बनते हुए बिगड़ जाते हैं, उसके काम में लोगों की टोक लग जाती है, बुरी नजर लग जाती है तब बजरंग बाण की, नीचे की दी गई लाइनों का, लाल चंदन की माला से पूर्वाभिमुख होकर रात्रि के अंतिम पहर में सवा लाख का जप करें।


ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा....

ॐ चं चं चं चपल चलंता...


अपने जन को तुरत उबारो सुमिरत होय आनंद हमारो॥ (बजरंग बाण देखें)

4 ) बहुत बीमार होने पर स्वास्थ्य लाभ के लिए-


फलदार आम के वृक्ष की डंडी लाल धागे में बांधकर गले में पहनें। यह वृक्ष राम मंदिर में हो और उसपर फल अवश्य आते हों उस पेड़ की डंडियाँ जो खुद टूटकर गिरी हों, उनका इस्तेमाल इलाज के लिए करें। इस उपाय से गंभीर बीमारी में भी आराम होता है।


5) समस्या समाधान के लिए हनुमान साधना के अन्य उपाय-


(अ) यदि घर के लोगों को भयानक परेशानी आ रही हो तो सिंदूर और चमेली के तेल का तिलक लगाकर रात में हनुमान चालीसा पढ़ें उसका तिलक हनुमान जी को भी करें। बचा तिलक सीने के बीच में लगाकर सो जाएँ।


(ब) बबूल के पौधे को रोजाना सुबह-शाम जल दें। यह पौधा घर में लगायें और जल डालने के बाद उसके सामने बैठकर ॐ हं हं हनुमंतरस नमः मंत्र का जप करें। सोते समय उस पेड़ का दर्शन अवश्य करें। इस पेड़ की सूखी डंडी कभी न फेंकें। इस उपाय से जीवन में आ रही परेशानी से मुक्ति मिलती है और संकट टलते हैं। यह उपाय शत्रु बाधा से भी मुक्ति दिलाता है।


(स) एक ताज़े नींबू को रात में अपने ऊपर से उतारें और हनुमान जी के चरणों में रख दें। उसके बाद श्वेत चंदन या रुद्राक्ष की माला से ॐ श्री प्रदाय नमः मंत्र की 5 मालाएँ जपें। यह उपाय जब अत्यधिक परेशानी हो और कोई रास्ता नहीं मिल रहा हो तब करें। यदि आप कोर्ट-कचहरी, मुक़दमे में फंसे हों और वाकई निर्दोष हों, उससे निपटने का रास्ता नहीं मिल रहा हो, आप पर अत्यधिक कर्ज हो तब किसी मंगलवार को रात्रि के दूसरे पहर अथवा रात ग्यारह बजे से एक बजे तक हनुमान जी के सामने पूर्वाभिमुख हो लाल आसन पर बैठ जायें। उनके सामने चमेली के तेल का दिया जलायें और अपनी तत्काल उम्र संख्या की गिनती के बराबर संकटमोचन हनुमानाष्टक का पाठ करें। यह पूजा लाल वस्त्र पहनकर ही करें। इस उपाय के दस दिन के अंदर प्रभु अवश्य रास्ता दिखायेंगे।


(ड) किसी मंगलवार या शनिवार को पीपल के ग्यारह पत्ते पर कुमकुम से राम नाम लिखकर प्रभु श्री हनुमान जी के चरणों में समर्पित करें। इससे संकटों का समाधान मिलेगा।


(इ) ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुँ फट् मंत्र का लगातार या प्रतिदिन जप व्यक्ति को जीवन की हर तकलीफ़ से निजात दिलाता है और हनुमत कृपा प्रदान करता है।


श्री हनुमानजी को प्रसन्न होते देर नहीं लगती। राम-राम जपना प्रारंभ कर दीजिये, श्रीराम भक्त पवन पुत्र उपस्थित हो जाते हैं, प्रसन्न हो जाते हैं। मनुष्य किसी प्रकार प्रभु की ओर उन्मुख हो जाये, वह जन्म-जरा-मरण से मुक्ति प्राप्त कर ले, दयामय प्रभु की ओर पग बढ़ाकर उनपर समर्पित होकर अपना सुनिश्चित कल्याण कर ले - इसके लिए कृपामूर्ति श्री हनुमानजी सर्वदा प्रयत्न करते रहते हैं; किसी-न-किसी रूप में प्रेरणा और प्रोत्साहन भी देते रहते हैं और भक्तों को तो वह प्राणों से अधिक प्रेम करते हैं। इसलिये संकटमोचन का स्मरण करिये, उनको जपिये भजिये अवश्य ही वह संकट को हर लेंगे।


राम-राम....


विनम्र निवेदन (इन उपायों को करते समय यह ध्यान रखें कि जो संकट खड़े हो उनमें आप ईमानदार हों)


~ प्रोफ़ेसर पवन सिन्हा ‘गुरुजी’

703 views0 comments
bottom of page